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सीरिया से भारत लौटे लोगों ने सुनाई आपबीती
– फोटो : ANI
विस्तार
संकटग्रस्त सीरिया से निकाले जाने के बाद स्वदेश लौटे भारतीय नागरिकों के एक समूह ने वहां की भयावह स्थिति का अनुभव साझा किया। उन्होंने सीरिया की स्थिति पर अपनी आपबीती सुनाते हुए भारतीय दूतावास के लगातार संपर्क में रहने के लिए और मदद की भी सराहना की।
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सुनीव दत्त ने सुनाई आपबीती
सीरिया से वापस आए चंडीगढ़ के रहने वाले मैकेनिकल इंजीनियर सुनील दत्त ने बताया कि सड़कों पर कुछ असामाजिक तत्व सामान लूट रहे थे। उन्होंने कहा कि यह बहुत खराब स्थिति थी और गोलीबारी और बमबारी की आवाजें स्थिति को और भी भयानक बना रही थीं। उन्होंने कहा कि हालांकि, भारतीय दूतावास लगातार संपर्क में था और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने हमें शांत रहने और दरवाजे न खोलने की सलाह दी।
#WATCH | Delhi | A batch of 6 Indian nationals evacuated from war-torn Syria, at IGI airport, Sunil Dutt says, “…We were in contact with the embassy. When the rebels took over – we got a call that we need to evacuate immediately… The embassy supported us, guided us – and they… pic.twitter.com/yvIQSamDl9— ANI (@ANI) December 14, 2024
ग्रेटर नोएडा के सचित कपूर का दर्द
सीरिया से लौटे भारतीयों में शामिल ग्रेटर नोएडा के सचित कपूर ने कहा कि वे करीब सात महीने तक सीरिया में थे। 7 दिसंबर को स्थिति और खराब हो गई, और हमें दमिश्क शहर में स्थानांतरित किया गया। वहां हमने आग और बमबारी देखी और यह बहुत डरावना था।
#WATCH | Delhi | A batch of 6 Indian nationals evacuated from war-torn Syria, at IGI airport, Rachit Kapoor says, “Everyone was in panic and chaos as to what happened on 7th and 8th (December). The support that we got from the Indian Embassy in Damascus was very good. If there… pic.twitter.com/zNrXcKFZnK— ANI (@ANI) December 14, 2024
उन्होंने कहा कि वे एक होटल में थे और स्थिति और खराब हो गई। लोग सड़कों पर बेकाबू हो गए और लूटपाट भी होने लगी। इसके साथ ही कपूर ने भारतीय दूतावास की मदद की सराहना करते हुए कहा कि इसके कारण हमें आसानी से लेबनान भेजा गया और किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।
रतन लाल ने साझा किया अनुभव
पांच साल से सीरिया में रह रहे रतन लाल ने स्वदेश लौटने पर कहा कि जब स्थिति खराब हुई, तो उन्हें दमिश्क बुलाया गया, जहां एक होटल में ठहरने के बाद उन्हें वीजा मिला और फिर वे एयरपोर्ट गए। उन्होंने कहा कि स्थिति बहुत खराब थी और उनके परिवार ने उन्हें किसी भी कीमत पर लौटने के लिए कहा।
गुड़गांव के चेतन की कहानी
गुड़गांव के चेतन लाल ने बताया कि वह पिछले दस सालों से सीरिया में कांच की बोतल बनाने वाली कंपनी में काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तीन दिनों तक वे दमिश्क में रुके रहे और लेबनान और सीरियाई दूतावास ने उनकी वापसी यात्रा में मदद की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का बयान
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सीरिया से स्वदेश लौटे लोगों को लेकर शुक्रवार को कहा कि हमने सीरिया में उन सभी भारतीय नागरिकों को निकाल लिया है जो हाल की घटनाओं के बाद घर लौटना चाहते थे। अब तक 77 भारतीय नागरिकों को निकाला जा चुका है। उन्होंने बताया कि दमिश्क में भारतीय दूतावास के कर्मचारियों ने उन्हें सीमा तक पहुंचाया, फिर लेबनान में भारतीय मिशन ने उनका स्वागत किया और उनके आव्रजन की प्रक्रिया को सरल बनाया।